शेखर का कहीं कोई अता पता नहीं था। अब उसकी मां का दिल थोड़ा घबराने लगा था। घर को ताला लग शेखर का कहीं कोई अता पता नहीं था। अब उसकी मां का दिल थोड़ा घबराने लगा था। घर को ...
इस जहाँ से सिर्फ उस जहाँ तक जाओगे बहुत दूर जाओगे तो आसमाँ तक जाओगे। गर खुदा ने बख् इस जहाँ से सिर्फ उस जहाँ तक जाओगे बहुत दूर जाओगे तो आसमाँ तक जाओगे। ग...
आओ फिर आदर्शवादी स्वरूप की श्रृंखला से जुड़ जाएं, लौकाचारी निर्मित करके एक नई कहान आओ फिर आदर्शवादी स्वरूप की श्रृंखला से जुड़ जाएं, लौकाचारी निर्मित करके...
दर्द ज़िंदगी के कुछ इस कदर बढ़ गए कभी गीत तो कभी गजल बन गए जब से निकाल फेंका आप ने दि दर्द ज़िंदगी के कुछ इस कदर बढ़ गए कभी गीत तो कभी गजल बन गए जब से निकाल फें...
तू जननी है अबला ना बन, नारी तुझसे सृष्टि है नारी तुझमें। तू जननी है अबला ना बन, नारी तुझसे सृष्टि है नारी तुझमें।
बन जाती हूँ । बन जाती हूँ ।